कान मनुष्य की चौथी ज्ञान इंद्री है। जब शरीर के भीतर के भाग में कोई गड़बड़ होती है तो उसका असर दोनों कानों पर विशेष रूप से देखा जा सकता है। कान को देखकर आचरण और भाग्य का निर्णय करने के लिए जिस अंग का उपयोग किया जाता है। वह केवल बाहरी अंग होता है। किस तरह के कान व्यक्ति के किन गुणों को बताते हैं यह नीचे दिया गया है-
चौड़े कान- कानों की चौड़ाई यदि सामान्य से अधिक हो तो ऐसे लोग सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति करते हैं। ऐसे लोगअवसरवादी होते हैं।
छोटे कान- छोटे कानों वाले लोग बलशाली होते हैं। उनके सृजन की क्षमता की अधिक होती है और वे दान देने भी नहीं हिचकिचाते।
बड़े कान- यदि व्यक्ति के कान बड़े हो तो वह विचारशील, कर्मठ, व्यवहारिक तथा समय का पाबंद होता है।
सामान्य से अधिक छोटे कान- किसी व्यक्तिके कान सामान्य से अधिक छोटे हो तो वह चंचल, निम्न विचारधारा वाला एवं भगवान में विश्वास करने वाला होता है।
कान के बीच का भाग दबा हो तो व्यक्ति अपराधी किस्म का होता है। वह संकोची तथा डरपोक भी होता है।
यदि किसी व्यक्ति के कान ऊपर की ओर ऊठे हुए हो तो यह लज्जा, शर्म और संकोच का लक्षण है और यदि कान गर्दन की ओर झुका हो तो यह संकेत है सतर्कता, सावधानी, शंका तथा मौन प्रवृत्ति का।
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