Thursday, August 18, 2011

...तो ऐसे लोगों ने पिछले जन्म में की होगी आत्महत्या!

रिलेटेड आर्टिकल

* ऐसे बर्तनों में खाना खाने से बढ़ती है गरीबी...
* ऐसे लोगों के पास कभी पैसा जमा नहीं होता है, जिनकी कुंडली में...
* हल्दी का पानी छिड़के घर में, दूर हो जाएगी पैसों की तंगी
* जब सपने में कोई देवी-देवता या मंदिर दिखाई दे तो...
* यदि आपके घर में कोई हो बहुत जिद्दी, तो करें ये चमत्कारी उपाय...

वेद-पुराणों के अनुसार मृत्युलोक अथवा पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्राणियों के शरीर नश्वर होते हैं लेकिन उनकी आत्माएं अमर मानी गई हैं। आत्मा केवल शरीर बदलती है और निश्चित समय के लिए उस शरीर में निवास करती है।

गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यही बताया है कि केवल आत्मा अमर है और शरीर नश्वर है। सभी व्यक्तियों का जीवन कैसा रहेगा यह उनके कर्म ही निर्धारित करते हैं। मृत्यु के बाद जीवित रहते किए कर्मों के आधार पर नया जीवन प्राप्त होता है।

ज्योतिष के अनुसार पूर्व जन्म में किए कर्मों के आधार पर जब ग्रह-नक्षत्रों के उचित स्थिति बनती है तभी इंसान को नया शरीर प्राप्त होता है अर्थात् नया जन्म मिलता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति का गहराई से अध्ययन करने के बाद पिछले जन्म के संबंध में भी सभी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पिछले जन्म में व्यक्ति की मृत्यु कैसे हुई? यह भी ग्रह-नक्षत्रों से मालुम हो जाता है।

परलोक और पुनर्जन्मांक के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु प्रथम भाव या सप्तम भाव में बैठा हो तो ऐसा समझना चाहिए कि उस व्यक्ति की पूर्व जन्म में मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी। उसकी मृत्यु किसी दुर्घटना के कारण हुई होगी। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में एक साथ चार या इससे अधिक ग्रह नीच राशि के हों तो उस व्यक्ति ने पूर्व जन्म में निश्चय ही आत्महत्या की होगी। ऐसा समझना चाहिए।

No comments:

Post a Comment